2023 में करवा चौथ कब हैं : 2023 एक हिंदू त्योहार है जो विशेष रूप से विवाहित महिलाओं के बीच प्रेम और आपसी आत्मीयता का पर्व है। यह पर्व नौवे तिथि को कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष में मनाया जाता है। इस दिन पत्नियां अपने पतियों की लम्बी और स्वस्थ जीवन की कामना करती हैं और उनकी लंबी उम्र के लिए व्रत रखती हैं।
2023 में करवा चौथ कब है?
इस साल, 2023 में करवा चौथ का आयोजन 1 नवंबर को होगा। यह खुशियों और आशीर्वादों से भरा त्योहार होता है जिसमें पत्नियां अपने पतियों के लिए दुआएं करती हैं और उनके लिए दिल से प्रार्थना करती हैं।
2023 में करवा चौथ कब हैं: शुभ मुहूर्त
करवा चौथ का पर्व एक महिला के लिए विशेष महत्वपूर्ण है, और इसका आयोजन शुभ मुहूर्त में करना उत्तम होता है। यहां विभिन्न शुभ मुहूर्तों की जानकारी है:
पहला मुहूर्त
पहला मुहूर्त सुबह के समय होता है और इसमें व्रत की शुरुआत की जाती है। 2023 में करवा चौथ कब हैं , पहला मुहूर्त 05:36 से 06:54 बजे तक रहेगा। यह समय व्रत की आरंभिक रीति-रिवाजों के लिए उत्तम माना जाता है।
दूसरा मुहूर्त
दूसरा मुहूर्त दोपहर के समय होता है और इसमें पतिव्रता स्त्रियों की पूजा और अर्घ्य करने की विधि होती है। 2023 में, दूसरा मुहूर्त 06:32 से 08:15 बजे तक रहेगा। यह समय भगवान चांदन की पूजा के लिए अनुकूल माना जाता है।
2023 में करवा चौथ कब हैं: तीसरा मुहूर्त
तीसरा मुहूर्त शाम के समय होता है और इसमें व्रत का उपवास खोलने का समय होता है। 2023 में, तीसरा मुहूर्त 17:48 से 19:05 बजे तक रहेगा। यह समय व्रत का आदान-प्रदान करने के लिए उत्तम माना जाता है।
करवा चौथ के आयोजन की विधि: 2023 में करवा चौथ कब हैं
करवा चौथ के आयोजन की विधि निम्नलिखित रूप से है:
1. सर्वप्रथम, व्रत की शुरुआत
पहले व्रत की शुरुआत मुहूर्त के समय होती है। पत्नियां सुबह के समय खानपुराणी व्रत करती हैं जिसमें बिना पानी पिए उपवास किया जाता है। इसके बाद, उन्हें उद्यापन करने के लिए देवी पार्वती और भगवान शिव की पूजा करनी होती है।
2. अर्घ्य अर्पित करना
दूसरे मुहूर्त में, पत्नियों को अपने पतियों की लम्बी उम्र के लिए भगवान चांदन का अर्घ्य अर्पित करना होता है। इसके बाद, व्रत को खोलने का समय आता है।
3. 2023 में करवा चौथ कब हैं : व्रत का आदान-प्रदान
तीसरे मुहूर्त में, पत्नियों को अपने पतियों के सामने बैठकर व्रत का आदान-प्रदान करना होता है। इसके बाद, पतियों की दीर्घायु की कामना करती हैं और उनके लिए भगवान सूर्य की पूजा करती हैं।
4. प्रसाद बांटना
इसके बाद, पत्नियां प्रसाद तैयार करके उसे पतियों को देती हैं। यह प्रसाद पानी, फल, और मिठाई से बनता है।
करवा चौथ का इतिहास
2023 करवा चौथ का महत्वपूर्ण इतिहास है। यह पर्व प्राचीन समय से महिलाओं की आशीर्वाद की इच्छा को पूरा करने का एक अद्वितीय तरीका है। इसे शक्तिशाली और प्रेमपूरित व्रत के रूप में माना जाता है, जो पतिव्रता पत्नियों के लिए उनके पतियों की लंबी और सुरक्षित जीवन की कामना करता है।
करवा चौथ का महत्व
1. विशेष आदर्श
करवा चौथ एक विशेष आदर्श है, जो विवाहित महिलाओं को उनके पतियों के प्रति अपार स्नेह और समर्पण का परिचय कराता है। यह एक पत्नी की भावनाओं और उनके पति के प्रति अद्भुत समर्पण का पर्व है।
2. सौभाग्य और खुशियाँ
करवा चौथ का उद्देश्य एक पत्नी की सुख, सौभाग्य और उनके पति की लंबी आयु की कामना करना है। इसे एक खुशियों भरा और शुभ त्योहार माना जाता है जो पतिव्रता पत्नियों की भावनाओं को समर्थन और आशीर्वाद देने का मौका प्रदान करता है।
3. आपसी आत्मीयता का महत्व
करवा चौथ एक त्योहार है जो महिलाओं के बीच आपसी आत्मीयता और समर्पण की भावना को मजबूत करता है। यह उनके बीच एक गहरा और पवित्र बंधन बनाता है जो जीवन भर चलता है।
उपसंपर्क
करवा चौथ 2023 के आयोजन और मुहूर्तों के बारे में यह जानकारी समाप्त हो गई है। आप इस शुभ अवसर पर अपने परिवार और दोस्तों के साथ खुशियों के पल मना सकते हैं और एक दूसरे की खुशी-खुशी की कामना कर सकते हैं।
शुभ फल पाने के लिए अपनी जन्म कुंडली अनुसार वास्तु एवं पूजा करवाए। यह बहुत ही लाभदायक साबित हो सकता है और आपका भाग्या पूरी तरह बदल सकता है। अगर पूरे विधि विधान के साथ किसी विश्व प्रसिद्ध ज्योतिष आचार्य और वास्तुशास्त्र की मदद से कुंडली अनुसार पहना जाए तो। आप किसका इंतज़ार कर रहे है, अपने पूजा को और भी लाभदायक बनाने के लिए अभी संपर्क करे इस (+91)9971-000-226 पर।